दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं भारत की सबसे फेमस और यादगार मोटरसाइकिल Yamaha RX100 की। ये सिर्फ़ एक बाइक नहीं थी, बल्कि एक जुनून थी, एक स्टाइल स्टेटमेंट थी, और सच कहूँ तो उस ज़माने में ये बाइक चलाना मतलब गाँव–कस्बे से लेकर बड़े शहर तक आपकी अलग ही इज़्ज़त हो जाती थी।
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वो दौर, जब सड़कों पर सिर्फ़ RX100 की गूंज थी
आजकल तो हर महीने नई बाइक लॉन्च होती है, लेकिन 80–90 के दशक में जब RX100 आई थी ना भाई, तो उसने पूरा खेल ही बदल दिया। लोग कहते हैं "शेर आया", लेकिन उस समय तो लोग कहते थे –
👉 "RX100 आई है… अब सड़क खाली हो जाएगी।"
ये बाइक कॉलेज के लड़कों का सपना थी, ऑफिस जाने वालों का भरोसा थी और गांव के दबंगों का शौक थी।
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RX100 का दिल – इसका इंजन
अब आते हैं सबसे पावरफुल चीज़ पर – इसका इंजन।
भाई सोच के देखो, सिर्फ़ 98cc का टू-स्ट्रोक इंजन और 11.2 बीएचपी की पावर। उस जमाने में 100cc में इतनी पावर मिलना मतलब भगवान का वरदान था।
लोग कहते थे –
👉 "RX100 का इंजन छोटा है, लेकिन आवाज़ और पावर सुनकर लगता है मानो शेर गरज रहा हो।"
ये इंजन इतना दमदार था कि हाईवे पर भी बिना किसी डर के उड़ान भर देता था। गियर का सिस्टम थोड़ा "भयानक" था, लेकिन एक बार अगर पकड़ में आ गया तो गाड़ी को उड़ाना कोई मुश्किल नहीं था।
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मीटर और डिज़ाइन – साधारण, लेकिन क्लासिक
आजकल की बाइक्स में डिजिटल मीटर, स्क्रीन, ब्लूटूथ कनेक्टिविटी मिलती है। लेकिन RX100 के टाइम पर बस एक साधारण मीटर मिलता था –
न्यूट्रल लाइट
हाई बीम इंडिकेटर
टर्न सिग्नल
ओडोमीटर
और भाई उस ज़माने में ये भी किसी "लाजवाब टेक्नोलॉजी" से कम नहीं था।
फ्यूल टैंक पर "Yamaha" का बैज और क्लासिक डिज़ाइन – इसे देखकर आज भी पुरानी यादें ताज़ा हो जाती हैं।
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RX100 का असली जादू – इसका साउंड
RX100 का इंजन स्टार्ट करते ही जो “ट्र्र्र्र्र्र्र्र्र” की आवाज़ निकलती थी, वो किसी म्यूज़िक से कम नहीं थी। मोहल्ले के बच्चे खेलना छोड़ देते थे, और लड़कियाँ भी खिड़की से झाँकने लगती थीं।
👉 “RX100 की आवाज़ सुनकर आधा मोहल्ला कहता था – हीरो आ गया।”
ये टू-स्ट्रोक इंजन हल्का-हल्का धुआँ छोड़ता था, लेकिन भाई वही धुआँ उस वक्त का सबसे बड़ा स्टाइल सिंबल था।
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पॉवर और माइलेज – दोनों का खेल
RX100 में पावर तो जबरदस्त थी, लेकिन माइलेज भी खराब नहीं था। अगर आप इसे हल्के हाथ से चलाओ तो 30–35 kmpl आराम से निकाल देती थी। लेकिन अगर दिल खोल के गियर मारो और रेसिंग करो, तो फिर माइलेज की ऐसी-तैसी हो जाती थी।
लोग कहते थे –
👉 “RX100 पेट्रोल पीती है, लेकिन बदले में जो मज़ा देती है, वो कोई और बाइक नहीं दे सकती।”
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क्यूँ बनी RX100 “Legend”?
RX100 सिर्फ़ एक बाइक नहीं रही, ये एक क्लासिक लीजेंड बन गई।
आसान मेंटेनेंस
स्पेयर पार्ट्स की अच्छी उपलब्धता
दमदार पिकअप
सॉलिड बिल्ड क्वालिटी
यही वजह रही कि इसे “Pocket Rocket” कहा गया।
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क्यों बंद हुई RX100?
अब सवाल ये है कि अगर बाइक इतनी पॉपुलर थी, तो इसे बंद क्यों कर दिया गया?
जवाब है – प्रदूषण (Pollution) और नियम (Emission Norms)।
टू-स्ट्रोक इंजन धुआँ ज़्यादा छोड़ते थे, और धीरे-धीरे भारत में नियम कड़े हो गए। मजबूरी में Yamaha को RX100 को अलविदा कहना पड़ा।
👉 लेकिन भाई, RX100 बंद हुई, पर लोगों के दिलों से कभी नहीं निकली।
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तमिलनाडु का किस्सा – पुरानी यादें
हाल ही में मैं तमिलनाडु के कोयंबटूर गया, और वहाँ मुझे एक पुरानी RX100 दिखी। हालत थोड़ी बदली हुई थी, कुछ पार्ट्स शायद बाद में बदल दिए गए थे, लेकिन फिर भी RX100 की वही शान, वही रौब झलक रहा था।
वहाँ एक मैकेनिक मिला – 30 साल से RX सीरीज की बाइक्स रिपेयर करता है।
उसने जब कहा – “ये बाइक आज भी मेरे पास आती है सर्विस के लिए” तो सुनकर दिल खुश हो गया।
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RX100 – किसके लिए थी ये बाइक?
कॉलेज बॉयज़ – स्टाइल और इम्प्रेशन के लिए
ऑफिस जाने वाले लोग – भरोसेमंद परफॉर्मेंस और माइलेज के लिए
गाँव के दबंग – ताक़त और रुतबे के लिए
राइडिंग लवर्स – मज़ा और एक्साइटमेंट के लिए
👉 RX100 हर किसी की बाइक थी, लेकिन हर किसी की न थी।
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पंच लाइन –
"RX100 सिर्फ़ बाइक नहीं, एक एहसास है। जिसने कभी इसे चलाया है, वो जानता है – आज भी ये चलती है तो लोग पीछे मुड़कर देखते हैं।"
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आख़िरी बात
दोस्तों, Yamaha RX100 वो बाइक है जिसने भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को एक नया मोड़ दिया।
आज भी अगर कहीं खड़ी दिख जाए, तो यकीन मानिए दिल वही पुराना गाना गुनगुना देता है –
👉 “मेरी जान है RX100… मेरी शान है RX100।”